असहिष्णुता की धुंध में ओझल थे दोनों छोरों पर इकट्ठे लोगों के दुखी चेहरे शक और गलतफहमियों की आग में स... असहिष्णुता की धुंध में ओझल थे दोनों छोरों पर इकट्ठे लोगों के दुखी चेहरे शक और गल...
इस चालीस पार का क्या ग़म मनाना इस चालीस पार का क्या ग़म मनाना
जहां पर संभाल कर रखी है उस की निशानियां इन पन्नों को भी सहेजा वहीं जहां पर संभाल कर रखी है उस की निशानियां इन पन्नों को भी सहेजा वहीं
जान माल के नुकसान की कोई बात नहीं हुई थी टूटे हुए ब्रिज के काम को पाने की कोशिश हुई थी जान माल के नुकसान की कोई बात नहीं हुई थी टूटे हुए ब्रिज के काम को पाने की कोश...
ठेकेदार की योग्यता का क्या दे सबूत? ठेकेदार की योग्यता का क्या दे सबूत?
अपने उत्सुक मन की डोर को इसीलिए खुद ही संभाले रखते हैं। अपने उत्सुक मन की डोर को इसीलिए खुद ही संभाले रखते हैं।